सोचिए कि औरंगाबाद का कैलाश मन्दिर सिर्फ एक चट्टान से बना है। इसका निर्माण शिखर से शुरू होकर तहखाने तक हुआ।
भारत में एक से एक अद्भुत मन्दिर हैं लेकिन आज़ादी के बाद सांस्कृतिक,ऐतिहासिक संस्थाओं पर वामपंथियों का कब्जा हो गया,जो हिन्दू विरोधी थे,उन्होंने हिन्दू धर्म के प्रति अपनी घृणा के चलते इन्हें विश्व के सामने या देश के सामने आने नही दिया।
चेन्नकेशव मन्दिर बेलूर।
होयसालेश्वर मन्दिर हलेबीड़ू कर्नाटक।
कैलाशा मन्दिर,एलोरा महाराष्ट्र।
यह मंदिर एक ही चट्टान से बना है।
वेंकटेश्वर मन्दिर तिरुमला, आंध्र प्रदेश।
मीनाक्षी मन्दिर तमिलनाडु।
मीनाक्षी मन्दिर की बेहतरीन कलाकारी।
विरुपाक्ष मन्दिर हंपी।
चेन्नकेशव मन्दिर की मूर्तिकला।
यह भी
यह भी चेन्नकेशव मन्दिर की कारीगरी का नमूना है।
रामेश्वरम मंदिर।
हलेबीड़ू मन्दिर, कर्नाटका।
ये कुछ ही मन्दिर हैं जो अपनी अद्भुत मूर्तिकला के लिए जाने जाते हैं।
ऐसे हजारों मन्दिर हैं जो श्रद्धालुओं की नजरों से ओझल हुए हैं।
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