Sunday, November 26, 2017

दूसरा नहीं होगा इतना काबिल


श्रीकांत जिचकर की कहानी:

भले ही लोग आजकल पढ़ाई-लिखाई में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हों लेकिन मेरे पास एम.ए. की डिग्री ही मुझे बहुत लगती हैं। इस डिग्री को देखकर ये फीलिंग आती है कि चलो मेरी गिनती भी शिक्षित लोगों में हो सकती है।
14 सितंबर, 1954 को नागपुर के आजनगांव के एक मराठी परिवार में जन्में श्रीकांत जिचकार का नाम लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे योग्य व्यक्ति के रूप में दर्ज हैं। इनके नाम 42 विश्वविद्यालयों से 20 डिग्रियां हासिल करने का रिकॉर्ड है। 

ये एक ऐसे व्यक्ति थे जिनकी मानसिक क्षमता वाकई बहुत मजबूत थी। इन्हें अलग-अलग विषयों में दिलचस्पी थी, जैसे गणित से लेकर विज्ञान, भाषा से लेकर पेंटिंग, फोटोग्राफी, खेल, राजनीति, थियेटर.... और ना जाने क्या।
सबसे पहले उनकी दिलचस्पी मेडिकल साइंस में जागी, एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने एमएस की डिग्री हासिल की। लेकिन फिर अचानक उनका मन डॉक्टरी से ऊब गया इसलिए उन्होंने वकालत करने की ठानी और लॉयर की डिग्री, एलएलबी हासिल की। इसके बाद उन्होंने अंतराष्ट्रीय वकालत करने की सोची और एलएलएम की डिग्री प्राप्त की। 
श्रीकांत जिचकार यही नहीं रुके, उन्होंने इसके बाद व्यवसाय प्रबंधन की डिग्री, एमबीए की और फिर जर्नलिज्म किया।

वर्ष 1973 से लेकर 1990 तक उन्होंने करीब 42 यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं दीं और 20 डिग्रियां हासिल की। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह सब उन्होंने 24 की उम्र पार करने से पहले की हासिल कर लिया था। 

श्रीकांत जब 25 वर्ष के हुए तब उन्होने आइपीएस की तैयारी शुरू की और इसकी परीक्षा को पास भी किया लेकिन कुछ ही समय के कार्यकाल के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और फिर आइएएस की परीक्षा की तैयारी शुरू की।

इसी दौरान उन्होंने अर्थशास्त्र, अंग्रेजी साहित्य, संस्कृत, भारती इतिहास, लोक प्रबंधन, राजनीति विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की डिग्रियां हासिल की।

इस लिस्ट में हर उस डिग्री का नाम शामिल है जिसकी हम कल्पना करते हैं, जैसे आर्ट्स, संस्कृति, मास्टर ऑफ फिलोसॉफी। अब शायद आपको ये आश्चर्य ना रहे कि उनके नाम पर संस्कृत की डि.लिट यानि डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर (संस्कृत) की डिग्री भी दर्ज है। 

 1980 में आइएएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने और मात्र 4 माह की सेवाएं देने के बाद श्रीकांत ने इस सेवा से भी इस्तीफा दे दिया और पहली बार राजनीति में कदम रखा। इसी वर्ष उन्होंने अपना पहला इलेक्शन लड़ा।

श्रीकांत जिचकार को इन चुनावों में जीत मिली और वह महाराष्ट्र के एमएलए बने। उन्हें एक साथ 14 पोर्टफोलियो संभालने का उत्तरदायित्व मिला। इनके नाम सबसे कम उम्र का विधायक बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। 

इतना सब कहने के बाद अब अगर अब मैं आपसे ये भी कह दूं, 52,000 किताबों के साथ इनकी पर्सनल लाइब्रेरी भारत की सबसे विस्तृत पर्सनल लाइब्रेरी थी तो अपका मुंह खुला का खुला रह जाएगा। 

वर्ष 1992-1998 तक वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे। विभिन्न क्षेत्रों में ये हमेशा मेरिट प्राप्त करते रहे और इनके नाम बड़ी संख्या में स्वर्ण पदक दर्ज हैं।

दुर्भाग्यवश 2 जून, 2004 को नागपुर से कुछ 40 किलोमीटर दूर एक सड़क हादसे में मात्र 51 वर्ष की उम्र में श्रीकांत जिचकार की मृत्यु हो गई। इसी दिन भारत में अपना एक चमकता हीरा खो दिया था। 

मार्केट में सन्नाटा

बीकानेर का मशहूर बाजार है..
कोट गेट ।।
शाम के 5 बजे बाजार भीड़ से भरा हुआ था। इसी भीड़ में पति-पत्नी एक दूसरे से लड़ने में व्यस्त थे और लगभग 200 लोग उनके इस तमाशे का मज़ा ले रहे थे,कुछ इसका वीडियो बनाने में लगे थे।
बात कुछ यूँ थी कि पत्नी जिद कर रही थी अपने पति से कि आज आप कार खरीद ही लीजीये मैं थक गई हूं आपकी मोटर साइकिल पर बैठ बैठ कर।
पति ने कहा....... ओए पागल औरत तमाशा ना बना मेरा दुनिया के सामने। मोटर साइकिल की चाभी मुझे दे।
पत्नी- नहीं, तुम्हारे पास इतना पैसा है । आज कार लोगे तो ही घर जाऊंगी।
पति-"अच्छा तो ले लुँगा अब चाभी दो"
पत्नी - नहीं दूंगी।
पति- "अच्छा ना दो मैं ताला ही तोड़ देता हूँ"
पत्नी ने कहा.... तोड़ दो लेकिन ना चाभी मिलेगी ना में साथ जाऊँगी ।
पति - "अच्छा तो ये ले मैं ताला तोड़ने लगा हूँ जाओ तुम्हारी मर्ज़ी मेरे घर ना आना"
पत्नी - जाओ जाओ नहीं आती तुम जैसे कंजूस के घर।
पति ने लोगों की मदद से मोटरसाइकिल का ताला खोल लिया, अपनी बाइक पर बैठ गया और बोला, "तुम आती हो या मैं जाऊँ"
वहाँ खड़े लोगों ने पत्नी को समझाया - चली जाओ इतनी सी बात पर अपना घर न खराब करो।
फिर पत्नी ने पति से वादा लिया कि वह बाइक बेचकर जल्द ही कार लेगा। दोनों की सुलह हो गयी और दोनों चले गए।
अच्छी कहानी है न
लेकिन अभी ख़त्म नहीं हुई है
तो जनाब.........
ठीक आधे घंटे बाद उसी जगह पर फिर से भीड़ लगी थी।
एक बंदा शोर कर रहा था........
कोई मेरी मोटरसाइकिल दिन दहाडे चुरा कर ले गया।
उसके बाद पूरे मार्केट में सन्नाटा😜😜😝😂😂

Friday, November 24, 2017

जिन्दगी अपनी शुरुआत के साथ अनिश्चितता लिए होती है



जिन्दगी अपनी शुरुआत के साथ अनिश्चितता लिए होती है हम कभी भी कुछ निश्चित नहीं कह सकते हमारे साथ क्या घटना पेश सकती है और असल में जीने का यही तो मजा है क्योंकि नहीं तो नयापन क्या रह जायेगा जिन्दगी में |

यही वजह है कि जब भी हम मुश्किल में होते है हमे लगता है अब तो शायद कुछ नहीं बदलेगा और जिन्दगी में उलझनों और समस्याओं की जगह हम अपनी सोच में अधिक उलझने पैदा कर लेती है जबकि जिन्दगी की परेशानियों से तो फिर भी पार पायी जा सकती है लेकिन हम अपने दिमाग में जो धारणाएं बनते है उनकी नकारात्मक Energy हमारी जीवन को प्रभावित करती है और वो भी बड़े बुरे स्तर पर |



ओशो ने एक बड़ी अच्छी बात कही हैप्रकृति बाधा नहीं है क्योंकि प्रकृति तो एक संगीत है एक हारमनी जो निरंतर चलायमान होने का प्रतीक है जबकि मुश्किलें कई बार केवल इसलिए आती है कि वो हमारे अंदर सुप्त हमारी काबिलियत को जगा सके एक नयी दिशा दे सके

इसी तरह जीवन मुश्किलों और खुशियों से भरा एक सामजस्य पूर्ण प्लेटफार्म है जिसे आपको इसकी परिपूर्णता में बड़े अच्छे ढंग से जीना होता है वही जिन्दगी की परिभाषा है  | सोचिये अगर मुश्किलें ही नहीं होंगी तो नयापन क्या रहेगा  | हम ऐसा क्या कर सकते है उस दशा में कोई क्रांति भरा जो हमे सफलता का मज़ा दे  | नहीं   | तो जरुरी है कि आप उस दौर से गुजरे जिसमे आपको लगे कि ऐसा क्या है मुझ में जो मैं बेहतर कर सकता हूँ अपने लिए और उसके बाद आप पाएंगे कि सफलता के उस मुकाम से आप कभी दूर नहीं थे बस एक direction आपको चाहिए थी जो आपको आपकी निराशा भरी जिन्दगी से वापिस लौटने का सबसे करीबी दरवाजा थी  |

आप कभी अपनी जरूरतों के दूसरे लेवल तक नहीं जाते जिनकी आपको अपने जीवन में वाकई जरुरत है और जिनसे आपकी खुशिया है आप लोगो के नजरिये से खुद को देखते है और असल में यही है जो परेशानी का कारण बनती है हो सकता है आप लोगो की नजर में सफल नहीं हो लेकिन जरा सोचिये क्या इस से वाकई कोई फर्क पड़ता है  | जवाब है नहीं लेकिन अगर आप सोचते है कि इस से पड़ता है तो मैं आपको एक बात साफ़ कर देना चाहता हूँ कि ऐसे में आप खुद की क्षमताओं को भी कम आंकते है  |

किसी भी परेशानी की स्थिति में जडवत बने रहने से अच्छा है आप जिस परेशानी में अभी है उसके बारे में सकारात्मक तरीके से विचार किया जाये नहीं तो आप एक काम कर सकते है एक पेन और पेपर लेकर बैठे और उन बातों पर विचार करें जो आपके पक्ष में मौजूद है और आप पाएंगे कि ऐसे कई छोटे छोटे रस्ते उपलब्ध है जो आपके लिए आपकी मंजिल के बड़े रस्ते तक जाते है बस जरुरत है एक फैसला भर लेने कि आप उन पर अमल करने के लिए कितने तेयार है क्योंकि कुछ भी नहीं करने से अच्छा है कुछ भी करें फिर चाहे जरुरी नहीं वो आपको एकदम से सफलता की और आपका कदम साबित हो ऐसे में आप अपनी गलतियों को सुधारने के लिए हर कदम पर तेयार हो सकते है क्योंकि आपकी छोटी छोटी गलतियाँ ही वो है जो आपको आपकी सफलता के रास्ते में आने वाली रुकावटों में बड़ी गलतियों की संभावनाओं को कम करती है इसलिए आपको अपने दिल और दिमाग से सकारात्मक सोच लिए धीरे धीरे आगे बढे तो आप पाएंगे जल्दी ही जिन्दगी के निराश पहलू से आप काफी आगे निकल चुके है 

Thursday, November 23, 2017

ये कुछ खासियतें है जो सफल लोगो को असफल लोगो की भीड़ से अलग करती है



दुनिया में दो ही तरह के लोग है एक तो वो जो सफल है और दूसरे वो जो नहीं है जिनकी तादाद सफल लोगो से कंही ज्यादा है इसका साफ मतलब है जो लोग हमारी तुलना में सफल है वो लोग कुछ तो अलग करते ही है जो असफल होने वाले लोग नहीं करते है और किसी भी व्यक्ति का व्यापार में सफल होने के पीछे एक कहावत है किकिसी व्यापार में सफल होने के लिए कोई ऐसा तथ्य जानना होता है जो बाकि के लोग नहीं जानते है ऐसे ही सफल होने वाले लोगो के नेचर में भी कुछ खास बातें होती है जो उन्हें सफल बनाती है  | लेकिन फिर भी कुछ बुनियादी चीज़े है जिनका ध्यान रखकर अगर हम जिन्दगी में आगे बढ़ते है तो काफी हद तक सफलता के करीब पहुँच सकते है चलिए इस बारे में आगे बात करते है 

किसी को बीच में नहीं टोकेअगर आप सच में सफल होना चाहते है तो एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी व्यक्ति को बीचे में नहीं टोके जब तक वो अपनी बात पूरी नहीं कर लेता है | एक अच्छा श्रोता बने और लोगो को ध्यान से सुने और कोशिश करे कि उनकी सफल असफ़ल कहानियों के बीच में आपके काम सकने वाले फैक्टर्स खोजे और देखें लोगो ने क्या गलतियाँ की है और उनसे सीखने की कोशिश करे |
                      
मना करना सीखेंसफल लोगो में एक सबसे अलग बात जो होती है वो ये है कि वो लोग जानते है कि मना केसे किया जाता है इसलिए वो ऐसे ही सामने वाला नाराज नहीं हो इसके डर से फालतू की जिम्मेदारियां नहीं लेते है |क्योकि उन्हें पता है उन्हें किस तरह से काम करना है इसलिए अपने काम के आड़े आने वाली किसी भी जिम्मेदारी को जो उनकी जरूरतों से बाहर की होती है को लेने से बचते है |

गोसिप से बचेकिसी भी गोसिप का हिस्सा बनकर समय खराब नहीं करें क्योंकि आप जानते है आपको क्या करना है इसलिए गॉसिप का हिस्सा बनाकर समय खराब करना कोई समझदारी नहीं है | जो किसी और के बारे में बात करता है जाहिर सी बात है आपके बारे में भी बात करता ही  होगा | सफल लोग खुलकर बात करते है |दूसरों की चर्चा में समय बर्बाद करना एक बड़े स्तर की बेवकूफी है |

सही समय पर शुरुआत करेंसफल लोग अपने दिन की planing दिन के शुरुआत के साथ कर लेते है कि पूरे दिन भर उन्हें किस तरीके से काम करना है और किस को प्राथमिकता देनी है इसलिए वो लोग जल्दी उठते है अपना दिन प्लान करते है और किसी भी मीटिंग में देर से नहीं जाते है | समय की यही पाबन्दी उन्हें बाकि लोगो से अलग कर देती है |

भावनाओं पर काबू रखेंऐसे लोग दूसरे लोगो के कम को judge करने की बजाय अपने काम पर ध्यान देते है और इसलिए वो लोग अन्य सफल लोगो से प्रेरणा लेते हुए मंजिल की और बढ़ते जाते है | अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए वो किसी के कम में कमियां निकालने की बजाय अपने काम और skills में इम्प्रूवमेंट करते जाते है जिसका नतीजा बाद में उन्हें सफलता के रूप में प्राप्त होता है |

अतीत को हावी होने देजिन्दगी में हर कोई सफल पैदा नहीं होता और हर किसी को अपनी जिन्दगी खुद से बनानी होती है और जब हम अपने लिए ऐसा करते है तो बहुत सम्भावना है कि हम गलतियाँ भी करते है लेकिन ऐसे में अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए आपके आज के काम के बीच में अपने अतीत की गलतियों को कभी आड़े नहीं आने दे |

किसी की नक़ल नहीं करेंसफल व्यक्ति बाकि लोगो से प्रेरणा तो लेते है लेकिन वो उनके जेसे बनने की कोशिश नहीं करते है | वो अपने सरल सहज और मूल स्वाभाव में बने हुए हमेसा कुछ कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करते है |

दोष नहीं देंआज के दौर में जो लोग सफल है उन्हें विरासत में कुछ अधिक नहीं मिला था और उन्होंने अपना साम्राज्य खुद ही खड़ा किया है इसलिए ऐसा नहीं सोचे कि आपके पास समय कम है या संसाधन कम है बल्कि पूरे उत्साह से अपनी दिशा में काम करें

ये कुछ खासियतें है जो सफल लोगो को असफल लोगो की भीड़ से अलग करती है अगर आप भी इनमे से कुछ अपने में डेवलप कर पाने के सक्षम होते है तो आप भी जिन्दगी में उन्ही की तरह ऊँचाई को छू सकते है और भीड़ से अलग हो सकते है


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