Sunday, November 1, 2020

प्रतिहार , गौङ ,बल्ला ,दहिया वंश के गोत्र-प्रवरादि

 



वंश – सूर्य वंश
गोत्र – कपिल
वेद – यजुर्वेद
शाखा – वाजस्नेयी
प्रवर – कश्यप, अप्सार, नैधुव
उपवेद – धनुर्वेद
कुल देवी – चामुंडा माता
वर देवी – गाजन माता
कुल देव – विष्णु भगवान
सूत्र – पारासर
शिखा – दाहिनी
कुलगुरु – वशिष्ट
निकास – उत्तर
प्रमुख गादी – भीनमाल, मंडोर,कन्नोज
ध्वज – लाल (सूर्य चिन्ह युक्त)
वॄक्ष – सिरस
पितर – नाहङराव, लूलर गोपालजी
नदी – सरस्वती
तीर्थ – पुष्कर राज
मन्त्र – गायत्री जाप
पक्षी – गरुड़
नगारा – रणजीत
चारण – लालस
ढोली – सोनेलिया लाखणिया विरद – गुजरेश्वर, राणा ,




गौङ वंश के गोत्र-प्रवरादि

वंश – सूर्य वंश
गोत्र — भारद्वाज
प्रवर तीन – भारद्वाज,बाईस्पत्य, अंगिरस
वेद – यजुर्वेद
शाखा – वाजसनेयि
सूत्र – पारस्कर
कुलदेवी – महाकाली
इष्टदेव – रुद्रदेव
वॄक्ष – केला



बल्ला वंश के गोत्र-प्रवरादि
वंश – इक्ष्वाकु-सुर्यवंश
गोत्र – कश्यप
प्रवर – कश्यप, अवत्सार, नेधृव
वेद – यजुर्वेद
शाखा – माध्यन्दिनी
आचारसुत्र – गोभिलग्रहासूत्र
गुरु – वशिष्ठ
ऋषि – कुण्डलेश्वर
पितृ – पारियात्र
कुलदेवी – अम्बा, कालिका, चावण्ड
इष्टदेव – शिव
आराध्यदेव – कासब पुत्र सूर्य
मन्त्र – ॐ धृणी सूर्याय नम:
भेरू – काल भेरू
नदी – सरयू
क्षेत्र – बल क्षेत्र
वॄक्ष – अक्षय
प्रणाम – जय श्री राम



दहिया वंश के गोत्र-प्रवरादि
वंश – सूर्य वंश बाद में ऋषि वंश
गोत्र – गोतम
प्रवर – अलो, नील-जल साम
कुल देवी – कैवाय माता
इष्टदेव – भेरू काला
कुल देव – महादेव
कुल क्षेत्र – काशी
राव – चंडिया-एरो
घोड़ा – श्याम कर्ण
नगारा – रणजीत
नदी – गंगा
कुल वृक्ष – नीम और कदम
पोलपात – काछेला चारण
निकास – थानेर गढ
उपाधि – राजा, राणा, रावत
पक्षी – कबूतर
ब्राह्मण – उपाध्याय
तलवार – रण थली
प्रणाम – जय कैवाय माता
गाय – सुर
शगुन – पणिहारी
वेद – यजुर्वेद j
निशान – पंच रंगी
शाखा – वाजसनेयी
भेरव – हर्शनाथ

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